how to write Hindi poetry - Hindi poetry likhna sikhe - BEST HINDI SHAYRI

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Tuesday, January 14, 2020

how to write Hindi poetry - Hindi poetry likhna sikhe

हिन्दी लिखना आज कल की पीढ़ी मे कम होता ही जा रहा है , पर जब हम भारतीयो को अपने जस्बात जताने होते है तो वो अक्सर हिन्दी कविताएं एक दूसरे को भेज कर वो अपने जस्बात बताते है । अब सवाल ये है की   हिन्दी कविताएं हिन्दी श्यारी और केसे लिखें ?   


वो कहती है मे महसूस होता हु उसे , 
यह ↑🔝कविता एक उदाहरण है कविता का । इस कविता ने कई प्यार कमाए है ब्लॉगिंग पोइट्रि के field मे।

कविता मे सबसे पहली चीज़ होती है उसका शीर्षक , अब शीर्षक केसे तय करें , आपको कोई परेशान होने की जरूरत नहीं है । शीर्षक यहा से तय करें 


काफिया एक अहम किरदार होता है किसी भी कविता या शायरी का

कुछ उदाहरण काफ़ियों का ।🔻

तय - जय

how to write hindi poerty



जेसे उपर दिये गए एक कविता के उधारण से ये साबित होता है की काफिया का कितना महत्व होता है किसी भी कविता को लिखने के लिए ।
कविता छोटी रखने से उसे पढ़ना और अच्छा लगता है , ज़्यादातर रीडर्स को छोटी कविताए काफी पसंद अति है ।

कविता मे काव्य और काफिये का इनता महत्व होता है जितना जिंदगी का साँसो से ।

कुछ वक्त लीजिये ज्यादा बड़ा नहीं न ज्यादा छोटा , धीरे धीरे से दिल की चीज़ों को कागज़ पर उतारना सीख ही जाएंगे ।


एक गाने का उदाहरण है , " तू किसी रेल सी गुजरती है , मैं किसी पूल सा थरथराता हूँ " 


तू किसी रेल सी गुज़रती है
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ
तू भले रति भर ना सुनती है
मैं तेरा नाम बुदबुदाता हूँ
किसी लंबे सफ़र की रातो में
तुझे अलाव सा जलाता हूँ
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथरा ता हूँ
काठ के ताले है
आँख पे डाले है
उनमें इशारों की चाबियाँ लगा
काठ के ताले है
आँख पे डाले है
उनमें इशारों की चाबियाँ लगा
रात जो बाक़ी हैं
शाम से ताकि हैं
नीयत में थोड़ी
नीयत में थोड़ी खराबिया लगा
मैं हूँ पानी के बुलबुले जैसा
तुझे सोचूँ तो फूट जाता हूँ
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथरा ता हूँ
तू किसी रेल सी गुज़रती है
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ
थरथराता हूँ, थरथाराता हूँ
थरथराता हूँ
Source: Musixmatch


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